शुक्रवार, 31 अक्टूबर 2008

कौन कहता है चिट्ठियों का ज़माना बीत गया.......

अक्सर सुनता हूँ आज की तेज़ जिंदगी में कोई किसी को चिट्ठियां कहाँ लिखता है। पर आज के एसएमएस और मेल के ज़माने में मैं फिर से चिट्ठियों की पोटली लाया हूँ। ये चिट्ठियां जन जन तक पहुँचेगी और हमारे दिलोंदिमाग की बातें करेंगी।
आप भी ये चिट्ठियां पढ़े और अपनी राय दें ।

कोई टिप्पणी नहीं: